Tuesday, February 3, 2009

koi mil gaya chori ka tohfa

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gita-bhabhi ne chodna sikhaya

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girlfriend ki maa ko chudai


मैं पंजाब से सन्नी आज मैं आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ हुआ था।

पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूं ! मैं २४ साल का हूँ। मेरा कद ६" फीट है। दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी एक गर्ल-फ्रेंड हुआ करती थी उसका नाम माया था। वो बहुत खूबसूरत थी।

अब असली बात पर आता हूँ। जहा हमलोग रहते थे वहां से थोड़ी ही दूरी पर मेरी गर्ल-फ्रेंड माया का घर था, उसके मम्मी को मैं आंटी कहा कर बुलाता था, असल में वो लोग पंजाबी है और आप लोग तो जानते ही हैं कि पंजाबी महिलाएँ कितनी गर्म और सेक्सी लगती हैं, माया से ज्यादा अच्छी उसके मम्मी लगती थी, उनका नाम उषा था, आंटी की उम्र ३५ के आस पास थी। लेकिन देखने में बिल्कुल भी इतनी उम्र की नहीं लगती थी, गोरी लम्बी और बहुत खूबसूरत थी, हम लोगों को यह पता था कि उनके पति उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते हैं।

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आज से ६ साल पहले की बात है, नवम्बर का महीना था, मैं आपने घर पर अकेला ही था। मैं जब भी नहाता हूँ तो काफी समय लगाता हूँ। मुझे नहीं मालूम था की आंटी कब मेरे घर में आ गई। मैं अपनी ही धुन में गाना गाते हुए बाथरूम से बाहर निकला। मैं बिल्कुल नग्न था और मेरा लण्ड खड़ा था।

आंटी को मालूम था कि मेरे घर पर कोई नहीं है। बाहर आते ही सबे पहले मैंने अपने लण्ड पर तेल लगाना शुरू कर दिया। मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझे दरवाजे से देख रही हैं। मैं तेल लगाने के बाद बेड पर लेट गया बिल्कुल नंगा ही। आंटी ने जब मेरा पूरा खड़ा हुआ लण्ड देखा तो उन्होंने अपनी सलवार में हाथ डाल कर अपनी चूत में ऊँगली करनी चालू कर दी और आंटी के मुँह से आ आअ आआआ आअ ...........। येस येस येस येस येस येस की आवाजे आ रही थी।

मैं डर गया कि कोई आ गया है। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन लिए और दरवाजे पर देखने के लिए चला तो देखा कि आंटी जा रही हैं।

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दोस्तों ! आप तो समझ ही गए होंगे कि जब कोई आपसे बड़ा आपको ऐसी हालत में देख ले तो क्या होगा। मैं बिल्कुल ही डर गया था कि आंटी मेरी मम्मी को बता ना दें।

मैं डर के मारे अपनी गर्ल-फ्रेंड को मिलने भी नहीं गया और ना ही उससे बात की। आंटी को पता था कि मैं उनकी बेटी से प्यार करता हूँ। ३-४ दिन निकल गए। माया रोती हुई मेरे पास आई और कहने लगी कि तुम आजकल मु्झसे बात क्यों नहीं करते हो?

मैं कुछ नहीं बोला और वहां से चला गया। माया ने अपनी मम्मी से बात की और उनको बताया कि सन्नी मुझसे बात नहीं कर रहा और रोती हुई अपने कमरे में चली गई। आंटी ने कहा- मैं सन्नी से बात करती हूँ !

मेरी मोम घर पर थी तो इसी वजह से ठीक तरह से बात नहीं हुई ! तो आंटी ने कहा कि मैंने तुमसे माया के बारे में करनी है।

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मैंने कहा मैंने भी आपसे बात करनी है।

तो वो मेरा मोबाईल नम्बर ले कर चली गई और जाते जाते कह गई कि मैं रात को कॉल करूंगी ११बजे।

मैंने कह दिया- ओके !

मैं डरा हुआ था कि कहीं उन्होंने मेरी बात मोम से तो नहीं कर दी ! मैं रात की इन्तज़ार करने लगा ! आंटी का कॉल आई ! मैंने डरते डरते फ़ोन उठाया और बात करनी शुरू कर दी। उनसे पहले मैंने कहा- आपसे मैं एक बात पूछ सकता हूँ कि उस दिन जब आपने मुझे नंगा देखा था तो आपने मेरी मोम से कोई बात तो नहीं की?

इस बात पर आंटी हँस पड़ी और कहने लगी कि ये बातें भी कोई किसी से बताता है लल्लू !

आंटी की बात सुन कर मेरी जान में जान आई !

फ़िर मैंने कहा कि किसी को नंगा देखना भी गलत बात है।

वो फ़िर से हँसी !

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मैंने कहा- मैंने कोई मज़ाक नहीं किया है !

वो कहने लगी- जब एक अच्छा लण्ड मुझे देखने को मिल रहा है तो मैं क्यों ना देखूँ !

मैं एकदम अचम्भे में आ गया कि आंटी कैसी बातें कर रही हैं।

आंटी ने कहा- अपनी बातें हम दोनों बैठ कर करेंगे ! तुम माया से कोई भी बात ना करना हम दोनों की !

मैंने कहा- ठीक है और आप भी किसी से मत करना !

ओके ! यार तुम प्लीज़, माया से बात करना चालू रखो !

मैंने कहा- ठीक है !

आंटी ने पूछा- तुम शनिवार को क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- मैं बिल्कुल फ्री हूँ ! आपको कोई काम है तो मुझे बता दो, मैं कर दूंगा !

आंटी ने कहा- तुम ही कर सकते हो !

मैंने अंदाजा लगाया कि आंटी ने मेरे से घर का कुछ काम करवाना होगा इसी वजह से आंटी ने मुझे बुलाया है !

मैंने कहा- घर का काम ही करना है कर दूंगा !

मैं माया से मिलने लगा, माया बहुत खुश थी ! मुझे माया ने शुक्रवार को ही बताया कि शनिवार को माया ने आपने मामा के यहाँ जाना है !

मैंने कहा- ठीक है तुम हो आओ पर मुझसे मोबाईल पर बात जरूर करना। और वो चली गई !

शनिवार को माया का फ़ोन आया कि मैं जा रही हूँ !

मैं उसे सी ओफ़ के लिए माया के घर पर गया, एक स्मूच किया और उसे जाने दिया !

आंटी ने कहा- कब आओगे तुम !

मैंने कहा- मैं बीस मिनट के बाद आता हूँ !

मैं बीस मिनट के बाद गया तो आंटी ने एक गाउन पहना हुआ था ! मैंने पूछा तो कहने लगी- मैं घर पर यही पहनती हूँ !

मैंने पूछा- बताओ आंटी ! मैं क्या करूं आपके लिए?

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तुमको मुझे कुछ करना होगा !

मैंने पूछा- आपको हँसाना है? ये भी कोई बड़ी बात है आंटी ! ये तो अभी लो !

आंटी को गु्स्सा आ गया और कहने लगी- ८" का लण्ड है और २.५" मोटा है और कहता है कि मैं आपको अभी हँसा देता हूँ और गालियाँ देने लगी ! मैं डर गया और चुपचाप सब कुछ सुनता रहा !

आंटी को लगा कि उन्होंने मुझे काफी डरा दिया है ! फ़िर उसने कुछ नहीं देखा और सीधे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया ! मैं तो बिल्कुल हक्का बक्का रह गया ! और अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और कहने लगी- सन्नी ! मैंने जब से तुम्हारा लण्ड देखा है मैं तुमसे चुदवाने के लिए तड़प रही थी। कितने दिनों के बाद आज मौका मिला है। सन्नी मुझे प्यार करो और मुझे तृप्त कर दो !

मैंने कहा- आप मेरी गर्ल-फ्रेंड की मोम हो !

कहने लगी- अगर तूने मुझसे प्यार नहीं किया तो मैं तुझे बदनाम कर दूंगी !

मैंने कहा- आप जो कहोगी मैं करूंगा ! पर आप मुझसे एक वादा कीजिए कि आप माया को कुछ नहीं बताएंगी !

आंटी ने कहा- मैं वादा करती हूँ !

आंटी ने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और पूरा लण्ड उनके मुँह में नहीं जा रहा था।

मैंने कहा- आंटी ! आराम से चूसो !

तो कहने लगी- बड़ी मुद्दतों के बाद ऐसा लण्ड मिला है, आज तो इसे नहीं छोड़ूंगी !

आंटी ने सारा ही लण्ड अपने मुँह में ले लिया उनकी आंखें बाहर आ रही थी पर फ़िर भी वो लण्ड को मुँह से बाहर नहीं निकाल रही थी ! अब मुझे मजा आने लगा था ! मैंने आंटी का मुँह पकड़ा और अंदर बाहर करने लगा ! मैं अब झड़ने वाला था।

मैंने कहा- आंटी ! मैं झड़ने वाला हूँ तो आंटी ने कहा कि मेरे मुँह में ही झड़ना !

मैंने एक जोर का धक्का लगाया और उनके मुँह में ही सारा झड़ गया !

आंटी ने कहा- अब तुम्हारी बारी है !

मैंने आंटी की चूत में मुँह दे दिया ! आंटी की चूत में मैं इतना मग्न हो गया कि आंटी कह रही थी मुझे- साले बस कर आ आआआ आआ आआ आ आ बस कर चूत को खा जाएगा क्या ?आंटी झड़ने वाली थी, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया !

हम दोनों ऐसे ही घर में घूमते रहे ! आंटी ने मुझे पानी पिलाया और खुद भी पानी पीया ! आंटी रसोई में गई तो मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया ! आंटी कहने लगी- पहले तो आता नहीं था, अब मेरे पीछे ही हो अपना लण्ड हाथ में लिए !

मैंने आंटी को झुकाया और कहा कि मैं आपकी पीछे से चूत मारना चाहता हूँ !

आंटी ने कहा- यह भी कोई पूछने की बात है ! मेरे राजा ये सारा जिस्म ही तुम्हारा है !

मैंने आंटी को झुकाया और अपना लण्ड अंदर डालने लगा तो आंटी कहने लगी कि यह तो बहुत बड़ा है, मैं मर जाऊंगी !

मैंने कुछ नहीं सुना और लण्ड अंदर डालने लगा ! आंटी की चूत का साइज़ काफी छोटा था या फ़िर कहो कि अंकल के लण्ड का साइज़ छोटा था ! आंटी ने चिल्लाना शुरू कर दिया !

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मुझे तो एसा लगा कि मैं किसी कुँवारी की चूत में अपना लण्ड डाल रहा हूँ ! ३" ही अंदर गया था और आंटी चिल्ला रही थी-आ आ आआ आ आअ................आ आआ आ.................आआआ धीरे धीरे !

अभी आधा ही अंदर गया था कि आंटी ने रुकने को कहा और कहने लगी- मार दिया जालिम तूने आज ! पर मुझे पता है कि बाद में म़जा भी आएगा ! आंटी ने थोड़ी देर बाद कहा- देख ! अब रुकना नहीं जितना चाहे मैं कहूं रुकने को !

मैंने कहा- ठीक है ! मैंने लौड़े को अंदर करना शुरू कर दिया ! आंटी की आँखों से आंसू आ रहे थे पर फ़िर भी आंटी मुझे रोक नहीं रही थी ! जब पूरा लण्ड आंटी की फ़ुद्दी में चला गया तो आंटी ने कहा- बस रुको और मैं रुक गया !

५-७ मिनट के बाद आंटी हिलना शुरु हो गई !

मैंने कहा- आंटी ! बड़े मजे कर रही हो मेरे लण्ड से !

बाते ना करो ! बस अब चोदो ! आ आआ आआआ .............आआआआअ...............चोदो ....चोदो ..........फार डाल आज इस चूत को छोड़ना मत !

आआआआआआआ.............................आआआआआअ..................चोदो ....चोदो ..........फाड़ डाल आज ! इस चूत को छोड़ना मत ! जियो मेरे राजा ! मैं बारे मजे से लण्ड चूत में अंदर बाहर कर रहा था ! अब मैंने उसकी एक लात को हाथ में पकड़ लिया ! अब पूरा लण्ड उसकी चूत में जा रहा था और उसके मूमे भी जोर जोर से दबा रहा था !

आंटी अब एक ही बात कह रही थी ........चोदो ....चोदो ..........फाड़ डाल आज इस चूत को छोड़ना मत जियो मेरे राजा !

मै बोला- इतनी चिकनी फ़ुद्दी देख कर मेरा लण्ड पागल हो गया है। इसे धीरे का मतलब नहीं मालूम। और मै उसके चूत में फचा-फच करके अपना लण्ड तेजी से अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी अपनी गांड पीछे करके धक्को में साथ देने लगी और साथ-साथ बोले जा रही थी। आआआआ ... चोदो ओ ओ...। सन्नी. ओ. अपनाए लण्ड से .. फाड़ डालो ओ.. आअज मेरी चो .. चूत को ओ.. बहुत मज़ा आ रहा है...आआआह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही ...

इधर मै भी पूरे जोश में उसकी चूत में अपना लण्ड ठोक रहा था। और फ़िर अपने हाथ को आगे ले जाकर उसके झूलते मुम्मो को थाम के तेज़ी से चोद रहा था..। आ अ अह ह ह !

इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी..। फ़िर जब मै झड़ने के करीब आया तो उसकी कमर को पकड़ के ताबड़तोड़ झटके मारने लगा और २०-२५ धक्को के बाद हम दोनों साथ-साथ झड़ गए। उनकी चूत दोनों के रस से भर गई और उसके जांघो पे नीचे बहने लगा। ५ मिनट बाद हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक करने लगे। फ़िर उसने मुझे गले लगाकर एक लंबा चुम्मा किया। फ़िर उसने कहा- डार्लिन्ग ! आज सच में चुदाई का सही मज़ा आया...।

फ़िर हमारे बीच ये चुदाई का खेल चलता रहा। उसने मुझे २ और चूत दिलाई। एक तो सील थी। फ़िर जैसे मेरे लिए तो जन्नत के दरवाजे ही खुल गए।

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chachi ki pyas

आज मैं एक असली कहानी सुनाने जा रहा हूँ। यह घटना मेरे साथ १ साल पहले घटी थी जब मेरी उमर २१ साल थी। दरअसल बात मेरे भइया की शादी से शुरू होती है जो कि जबलपुर में थी। वैसे तो मैं भोपाल शहर का रहने वाला हूँ। पर अपने भाई की शादी होने की वजह से मैं जबलपुर गया था जहाँ हमारे सारे रिश्तेदार आए थे। जिनमें से एक थी सपना चाची। वैसे तो वो मेरी दूर की रिश्तेदार थी पर उनके साथ मैं घुल मिल गया था।

वो दिल्ली की रहने वाली थी, पर उनके पति का देहांत कई सालों पहले हो हो चुका था। सपना चाची की उमर करीब ३०-३२ साल है । पर देखने में वो बला सी खूबसूरत हैं। उनका जिस्म देख के सारे शरीर मैं कंपकपी होने लगती है। उनका फिगर ३६-२४-३६ है। और वो हमेशा थोड़ा पतले कपड़े का बलाउज़ पहनती हैं जिसमें से उनकी ब्रा साफ़ साफ़ दिखती थी।

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शादी को अभी २ दिन बाकी थे और घर में भीड़ होने की वजह से कुछ लोगों ने तय किया कि वो छत पे सोयेंगे। उन लोगों में से मैं भी एक था। छत पे हम सिर्फ़ ६ लोग सो रहे थे। जब रात के २ बजे मेरी नींद खुली और मैं दूसरी तरफ़ पेशाब करने गया तो मैंने पाया कि वहां पलंग पे कोई औरत सोई हुई थी जिसका पेटीकोट उसके घुटने के ऊपर तक आ गया था। उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं ख़ुद को उस औरत के पास जाने से रोक नहीं सका। जब मैं उसके नजदीक पहुँचा तो पाया कि वो कोई और नहीं बल्कि सपना चाची थी। उनको देखते ही मेरा लंड मेरे पायजामे में से बाहर आने लगा था। मैंने फैसला कर लिया था कि आज तो मैं इनके बदन को छू के ही रहूँगा।

मैं सबको देख कर आया कि कहीं कोई उठा तो नहीं है। पर सब गहरी नींद में सो रहे थे। शायद सपना चाची भी गहरी नींद में सो रही थी तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं उनके पलंग के बाजू में जाकर बैठ गया और धीरे धीरे उनके पेटीकोट को ऊपर की तरफ़ सरकाने लगा। थोड़ी ही देर में उनका पेटीकोट बिल्कुल ऊपर तक आ चुका था। शायद वोह चड्डी नही पहनती थीं, जिस कारण उनकी चूत मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी जिस पर हलके से बाल थे।

उनकी चूत देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी जांघ पे धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनके जिस्म के भी रोंगटे खड़े हो गए थे, थोड़ी ही देर में उन्होंने करवट ले ली और अब उनकी चूत के दर्शन मुझको साफ़ तरीके से होने लगे थे। तो मैंने भी देर ना करते हुए उनके गड्ढे में अपनी एक ऊँगली डालना शुरू कर दी पर उनकी चूत बहुत ही टाईट थी जिस वजह से मैं और पागल हो चुका था और थोड़ी देर में मैंने एक ऊँगली से दो उँगलियाँ उनकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दी।

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मैं इतना जोश मैं आ चुका था कि मैं चाची के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूची को दबाने लगा ऊपर से ही। पर तब तक वो जाग चुकी थी। उनकी आँख खुली देखकर मैं एकदम डर सा गया, चाची ने मुझे एक चांटा लगाया और फ़िर रोने लगी और मुझसे चिपक गई, मुझे भी एक दम से कुछ समझ नहीं आया था पर उनके बदन की गर्मी से मैं पागल हो गया और उनके होंठो को मैंने चूमना शुरू कर दिया। धीरे धीरे उनके दूध दबाने लगा और वो भी मेरा बराबरी से साथ देने लगी जिससे हमारे बीच सेक्स का मज़ा दोगुना हो गया।

अब मैंने पेटीकोट को हटा दिया और उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया जिससे चाची परेशान हो गई और चुदने के लिए अपनी चू्त को उछालने लगी। मैं खीर को धीरे धीरे खाना चाहता था, इस वजह से मैंने उनके छेद में अपनी जीभ डाल के अन्दर बाहर करना शुरू कर दी और उनके झड़ने का इंतज़ार करने लगा।

जैसे ही चाची झड़ने वाली थी मैंने सब कुछ एकदम से रोक दिया जिस वजह से चाची झड़ नहीं पाई और वो और भी ज्यादा गरम हो गई और मुझसे कहने लगी कि आज तक इतना सुखद अनुभव उसको कभी नहीं हुआ, उसके पति के जाने के बाद से वो प्यासी थी, आज मैं उसकी प्यास बुझाऊं।

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मैंने भी देरी ना करते हुए अपने ९ इंच का लंड चाची के हाथ में दे दिया और चाची ने भी बुद्धिमानी दिखाते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया और जब मेरी झड़ने की बारी आई तो चाची ने सब रोक दिया जैसा कि मैंने उनके साथ किया था।

अब बारी थी असली मज़ा करने की। मैंने चाची के छेद के ऊपर अपना सु्पाड़ा रखा और थोड़ा सा धक्का लगाया और कुछ ही देर में मेरा लंड उनकी चूत में समां चुका था फ़िर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और अन्दर बाहर करने लगा। फ़िर थोड़ी देर के लिए चाची मेरे ऊपर आई और अपने दूध मेरे मुँह के सामने रख दिए तो मैंने भी उसकी चुचियों को अपने दांतों में रख के धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया और अन्दर से उस पे जीभ फेरना भी शुरू कर दिया।

चाची अब पागलों की तरह मेरे पूरे बदन पे हाथ फेरने लगी थी और फ़िर बारी आई चाची को निढाल करने की। तो अब मैंने चाची को अपने ऊपर चढ़ाया और धीरे धीरे उसे ऊपर नीचे होने के लिए कहा। और चाची भी एक्सपर्ट थी जैसा कहा बिल्कुल वैसा ही करती रही और कुछ ही देर में हम दोनों साथ झड़ गए और एक दूसरे की बाहों में करीब ३० मिनट तक लिपटे रहे और मेरा पूरा वीर्य चाची की चूत में ही था। अब सुबह होने को थी तो मैं अपने बिस्तर पे चला गया।

उसके बाद मुझको चाची के साथ सेक्स करने का मौका नहीं मिल पाया। पर हमारी बात होती रहती है और वो मेरे साथ और सेक्स करना चाहती हैं।

अब मैं जून मैं दिल्ली जाऊंगा तब चाची को अपना और करिश्मा दिखाऊंगा।

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rekha ki masti

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manju ki chudai


हाय मेरा नाम जीतू है, मैं २६ साल का हूँ और मैं दिल्ली में रहता हूँ।

मैने इस साईट की सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं भी अपना एक अनुभव आपसे बताना चाहता हूँ।

यह बात आज से लगभग दो-ढाई साल पहले की है, हमारे घर में एक किरायेदार रहने आए। उनमें तीन लोग ही थे पति पत्नी और उनका छोटा भाई। मैं उनको भाई भाभी बोलता था। दोनों भाई ऑटो चलाते थे, दिन में बड़ा भाई और रात को छोटा भाई ऑटो चलाते थे।

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एक रविवार, मेरी ऑफिस की छुट्टी थी तो मैं अपने दोस्तों से मिलने निकल गया। शाम को जब में घर आया तो देखा कि एक लड़की मेरे घर के आँगन में मेरी मम्मी और बहन के साथ बैठ कर बात कर रही है। मैने सोचा कि बहन की कोई फ्रेंड होगी तो मैं सीधा बाथरूम में जाकर अपने हाथ मुँह धोकर आया। मैंने महसूस किया कि वो लड़की मुझे घूर घूर कर देख रही थी। मैं मम्मी की वजह से उसको नहीं देख रहा था। फ़िर वो उठ कर चली गई तो मैने मम्मी से पूछा कि यह लड़की कौन है?

मम्मी ने बताया कि यह उन भइया की बहन मंजू है।

यारों क्या मस्त माल थी वो ! लम्बाई ५.४" भरा भरा बदन सांवला रंग एक दम ब्लैक ब्यूटी थी वो ! २-३ दिन ऐसे ही निकल गए मैं कही भी जाता थो वोह मुझे घूर घूर कर देखती। उसकी आँखों में मुझे वासना दिखाई दी।

ऐसे ही एक हफ्ता निकल गया और फ़िर से रविवार आ गया। उस दिन मेरी बहन कुछ चादर पर कुछ फूल पत्ती बना रही थी। मम्मी भी उसका साथ दे रही थी और वो लड़की मंजू, वो चारपाई पर बैठी थी और मेरी बहन नीचे जमीन पर, मम्मी भी उसके साथ चारपाई पर ही बैठी थी। मैं बाहर से घूम कर आया तो देखा कि सब बैठे हैं, मैं भी बैठ गया कुर्सी पर और मैंने अपने पांव चारपाई पर फैला दिए। तो चादर मेरे पांव के नीचे दब गई। मेरी बहन गुस्सा हो कर बोली कि चादर पांव के ऊपर कर ले नहीं तो गन्दी हो जायेगी।

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मैने ऐसा ही किया तो मेरा पाँव अचानक मंजू के हाथ पर लगा। मैने अपना पांव हटा लिया तो वो मेरी तरफ़ देखने लगी जैसे कह रही हो कि क्योँ हटा लिया। मैं मुस्करा दिया और दूसरी तरफ़ देखने लगा कि कहीं किसी का ध्यान मेरी तरफ़ तो नहीं, पर किसी ने नहीं देखा।

मुझे मजा आने लगा, मै धीरे से उसके कमर की साइड में अपनी पांव से सहलाने लगा। चादर पांव के ऊपर होने से किसी को कुछ पता नहीं चला और उसने भी कुछ नहीं कहा। मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं पांव की उँगलियों से उसकी बाजू पर और पेट पर चिकोटी काटने लगा उसने कुछ नहीं कहा।

तभी मेरे पापा आ गए और सब लोग उठ गए। फ़िर तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं जब उसको अकेले देखता तो कभी उसकी चूची दबा देता कभी उसकी गांड में ऊँगली करता और वोह कुछ नहीं कहती।

एक दिन मैं घर पर ही था और वो भी अकेली थी। मेरी मम्मी मार्केट गई थी। मुझे मौका मिल गया। मैं उसके कमरे में गया और उसको पकड़ लिया और जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी। वो कुछ नहीं बोली। फ़िर मैंने उसको किस करना चालू कर दिया। वो भी साथ देने लगी, मुझे मजा आने लगा। मैने पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था, मैं तो पागल ही हो गया।

उसकी कठोर चूचियों को देख कर मैने उनको खूब चूसा और दबाया।

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वो बोली- जल्दी करो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता।

मैं उसकी चूत में ऊँगली डालकर चोदने लगा। उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी, उसको बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी और मजा ले रही थी अपनी कमर को उठा उठा कर। तभी जोर से चिल्लाई और झड़ गई। मैने उसका सारा रस चाट कर साफ़ किया और फ़िर अपना ६" लंबा और ३.५" मोटा लंड उसकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी। मैने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा। फ़िर उसको मजा आने लगा और वो अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी।

मैं समझ गया कि अब उसको मजा आने लगा है। मैने अपनी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसको तेज तेज चोदने लगा। १० मिनट बाद वो मुझसे लिपट गई और मुझे नोचने लगी। मैं समझ गया कि इसका पानी निकलने वाला है। मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी और ५ मिनट बाद ही हम दोनों ने अपना रस छोड़ दिया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया, उसकी आंखे बंद थी, उसके चहरे से पता लग रहा था कि वो पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी है।

तभी डोरबेल बज उठी। मैं जल्दी से उठा और अपना लोअर पहन कर दरवाजा खोला, तो मम्मी थी। उस दिन तो बच गए। उसके बाद वो अपने गाँव वापस चली गई। फ़िर उसके बाद उसके भाई ने भी घर खाली कर दिया और मेरा उसके साथ कोई लिंक नहीं रहा।

तो दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव. मैं आजकल अकेला हूँ

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kajal ki chudai

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Monday, February 2, 2009

meri pyash bhujaoo

मैं पंजाब के फ़रीदकोट जिले का रहने वाला हूँ, पहले मैं कार ड्राइवर था, तथा एक बुजुर्ग दंपति के यहाँ नौकरी करता था !

एक बार उनकी विधवा बहू घर आई हुई थी, उस दिन घर में कोई और नौकर नहीं आया तो मुझको बड़ी बीबी ने छोटी बीबी के साथ ऊपर उसके कमरे में सफाई में हाथ बंटाने को कहा। मैं छत पर गया और जब छोटी बीबी के कमरे की तरफ गया तो देखा कि वो झुक कर कमरे में खुद ही झाड़ू लगा रही थी ! मैं तो उसके ब्लाऊज में से बाहर आने को उतारू हो रहे उसके दूधीया बूब्स देखकर दंग रह गया और उनकी तरफ़ ही देखता रह गया।

अचानक छोटी बीबी जो करीब तीस साल की होगी, मुझे यू घूरता देख बोली- तुम आ गये !

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तो मैं एकदम घबराहट में बोला- हाँ जी ! मुझे बड़ी बीबी जी ने आपके साथ काम में हाथ बटाने को कहा है !

हालाँकि उसने मुझे अपने बूब्स को घूरते हुए देख लिया था वो पर नज़रअंदाज कर मुस्करा भर दी और झुकी हुई ही बोली- तो आओ ना !

मैंने काम पूछा तो उसने कहा- तुम पहले छत से जाले उतार लो, जब मैं आगे बढ़ने लगा तो उसने मेज़ पकड़ते हुए उस पर चढ़ने को कहा, यही नहीं वो मेज़ को छोड़ धीरे से मेरे पाँव को पकड़ने लगी, धीरे धीरे उसका हाथ आगे बढ़ कर जब मेरी लंड तक पहुँच गया जो पहले ही पैन्ट फाड़ने को तैयार था! वो बोली- ये क्या है?

मैं घबरा गया और कहा- कुछ नहीं बीबी जी यूँ ही !

तो वो बोली- कोई बात नहीं इसका इलाज है मेरे पास !

और मुझे नीचे उतार कर मेरी पैन्ट की ज़िप खोल कर मेरा लण्ड निकल कर बोली- हाय कितने अरसे बाद मौका मिला है !

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और दोस्तो मुझे उसने इतना मज़ा दिया जो मैं कभी नहीं भूल सकूँगा ! लेकिन वो जल्दी ही वापिस दिल्ली चली गयी और अब तो मैने भी वो नौकरी छोड़ दी है!

अब मुझे उसकी बहुत याद आती है और मैं उसके जैसी ही किसी साथी की तलाश में हूँ जिसकी प्यास बुझाऊँ और मेरी भी प्यास बुझ जाए।

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sexy story in hindi

मैं आंचल शर्मा जम्मू की रहने वाली हूँ।मैंने कभी जीवन में सोचा नहीं था कि मेरे साथ ऐसा कभी हो सकता है पर जो हुआ सिर्फ़ मैं और आशु जानते हैं जो मेरा क्लासमेट हुआ करता था। कभी हम अच्छे दोस्त थे।वो काफी आकर्षक, लम्बा, सुंदर लड़का था। हम अच्छे दोस्त थे।पर एक दिन हम कॉलेज टूर के साथ हिमाचल गये। सब जगह घूमे। उसने मुझे कहा कि यहाँ मेरे एक रिश्तेदार हैं। उनसे मिल कर आते हैं।मैंने भी हाँ कर दी।मुझे नहीं पता था कि वो मेरे साथ सेक्स करने के लिए ले जा रहा है।वो मुझे एक घर में ले गया। वहां कोई नहीं था, सिर्फ़ एक लड़का था, वो उसका दोस्त था।उसने कहा- सब ठीक है, जा अन्दर।तो अन्दर जाते ही उसका देखने का तरीका बदल गया। उसने मेरे स्तनों पर जोर से हाथ मारा।बोला- कुछ कीड़ा चल रहा था।मैंने भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। उसने डी वी डी लगाई, टी वी चलाया और एक व्यस्क फ़िल्म लगा दी।मैंने कहा- छी ! बंद करो !वो मेरे पास आ गया और मेरी पैंट खोलने लगा।मैं वहां से उठ गयी।फिर बोला- मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ।अचानक मेरा ध्यान टी वी पर गया। लड़की लड़के का लंड चूस रही होती है।
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मैंने कहा- बंद करो !क्या गंदगी है ये !उसने मुझे सोफ़े पर लिटा दिया और मेरी जैकेट खोल दी, बोला तुम भी ऐसा करोगी तो मजा आएगा।मैंने कहा- नहीं ! बिल्कुल नहीं ! उसने मेरे होंठ चूसने शुरू किए। मुझे भी कुछ हो रहा था। बस फिर मेरे स्तन दबाने लगा। मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा। मेरे हाथ ख़ुद ही उसकी पीठ पर चले गये। उसने फिर मेरा टॉप उतार दिया।मैंने आँखें बंद कर ली। फिर उसने जबरदस्ती पैंट भी खोल दी। अब मैं सिर्फ़ ब्रा पैंटी में थी।उसने फटाफट अपना लौड़ा निकला और मेरे मुंह पे लगाने लगा।मैंने मुंह पीछे करके थूक दिया।उसने कहा- चूस तो सही ! हमेशा मांगेंगी !जबरदस्ती डाला उसने। मुझे उलटी आ गयी।
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वो मेरी योनि को सहलाने लगा। मैं साफ़ थी, उसने चाटना शुरू किया, मेरी हालत ख़राब हो गयी। मैंने अपनी टाँगें बंद कर ली।फिर उसने लंड अन्दर डालना चाहा पर नहीं गया अन्दर।उसने टाँगें उठा दी मेरी और जोर से पूरा डाल दिया।मैं जोर से चिल्लाई पर वो करता रहा्।मेरे खून भी आ गया पर उसने परवाह नहीं की।फ़िल्म भी चल रही थी। काफी देर मैं रोती रही, उसने नहीं सुना।वो स्खलित हो गया। फिर बोला पीछे से मारने के लिए।मैंने साफ़ इंकार कर दिया और मैंने कपड़े पहन लिए।उसकी इस गलती की वजह से आज मैं शादी करने से भी घबराती हूँ।पर मेरी बद-दुआ उसको लगेगी जरूर !मेरी जिन्दगी उसने खराब की है ! आप लोग ऐसा मत करना किसी के साथ !यह मेरी निजी और सच्ची बात है न कि कोई कहानी है।....और आप लोग मन-घड़ंत बेकार की कहानी मत लिखो....!जो लोग अपनी माँ बहिन को बख्शते कहानियों में, उनको ज़हर खा कर मर जाना चाहिए !

....यह मेरा पहली और आखिरी बात है आप लोगों से !
नमस्कार !
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